ओलम्पिक में बैडमिंटन का फाइनल मैच चल रहा था. देश की नजर 21 साल की उस लड़की पर थी, जो देश के लिए ओलम्पिक में पहला गोल्ड मेडल जीतने के लिए संघर्ष कर रही थी. वो लड़की थी पीवी सिंधु. जो गोल्ड मेडल बेशक नहीं जीत सकी लेकिन अपने बेहतरीन खेल से उन्होंने दिल जीत लिया. जीत के बाद पीवी सिंधु के अलावा जो एक नाम सबके सामने आया वो था पुलेला गोपीचंद. पुलेला गोपीचंद एक ऐसा नाम जो इससे पहले कई कीर्तिमान बना चुके थे, लेकिन क्रिकेट के अलावा किसी और खेल और खिलाड़ी का नाम हमारे देश में बहुत मुश्किल से सुनाई देता है. बात जरा कड़वी जरूर है, लेकिन सच है.
आज पुलेला गोपीचंद का जन्मदिन है. आइए, जानते हैं गोपीचंद की जिंदगी से जुड़ कुछ दिलचस्प किस्से.
कभी क्रिकेटर बनना चाहते थे गोपीचंद
पुलेला गोपीचंद स्कूल के दिनों में क्रिकेट बहुत अच्छा खेला करते थे. वो क्रिकेटर बनना चाहते थे. क्रिकेट के अलावा वो बैडमिंटन भी अच्छा खेला करते थे. उनके बड़े भाई ने एक दिन उन्हें बैडमिंटन खेलने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि ‘क्रिकेट में शायद तुम भीड़ में खो जाओ, लेकिन बैडमिंटन में तुम्हारी एक अलग ही पहचान बनेगी’. गोपी ने बड़े भाई की बात मानते हुए बैडमिंटन की प्रैक्टिस शुरू कर दी. लगातार प्रैक्टिस ने गोपी को ऐसा बैडमिंटन चैम्पियन बना दिया. जिसके चर्चे हर तरफ होने लगे. गोपी ने अपनी शुरूआती ट्रेनिंग एसएम आरिफ से प्राप्त की, इसके बाद प्रकाश पादुकोण ने उन्हें ‘बीपीएल प्रकाश पादुकोण अकादमी’ में शामिल कर लिया. गोपी ने एसएआई बैंगलौर में गांगुली प्रसाद से भी ट्रेनिंग ली.
इस तरह बन गए चैम्पियन
1996 में गोपी ने अपना पहला राष्ट्रीय बैडमिंटन चैम्पियनशिप खिताब जीता, उन्होंने वर्ष 2000 तक एक श्रृंखला में पांच बार खिताब जीते. 2001 में चीन के चेन होंग को फाइनल में हराते हुए ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप में जीत हासिल की. इस तरह से प्रकाश पादुकोण के बाद इस जीत को हासिल करने वाले दूसरे भारतीय बन गए, जिन्होंने 1980 में जीत हासिल की थी. उन्हें वर्ष 2001 के लिए राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 2005 में उन्हें पद्मश्री और 2014 पद्मभूषण से भी नवाजा जा चुका है. अब गोपीचंद बैडमिंटन अकेडमी चलाते हैं.
साइना नेहवाल ने तोड़ा था गोपीचंद से नाता
बैडमिंटन में मशहूर नाम साइना नेहवाल कभी गोपीचंद की अकेडमी में ट्रेनिंग लिया करती थी. लेकिन लगातार खराब फॉर्म की वजह से साइना ने अपने कोच को बदलने का फैसला लिया. साइना ने दक्षिण कोरिया के इंचियोन में होने वाले एशियाई गेम्स की तैयारी के लिए पूर्व मुख्य कोच विमल कुमार से कोचिंग लेने का फैसला किया. जब इस बारे में गोपी से पूछा गया तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा अगर वो आने वाले टूनामेंट में अच्छा प्रदर्शन करती हैं, तो मुझसे ज्यादा कोई और खुश नहीं होगा. …Next
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