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ओलंपिक इतिहास में जितने गोल्ड भारत ने जीते, उससे डबल इस अकेले खिलाड़ी ने जीते

ऊपर जिस खिलाड़ी की चर्चा की जा रही है उसका नाम है माइकल फेल्प्स. ओलंपिक जैसे खेल के महाकुंभ से एक मैडल निकालकर लाना कितना मुश्किल है एक भारतीय के अलावा और कौन समझ सकता है? लेकिन इस महामानव (माइकल फेल्प्स) ने अपने 31 साल की उम्र में ही ओलंपिक में 19 गोल्ड मैडल जीत लिया है. वर्तमान में चल रहे रियो ओलंपिक में माइकल फेल्प्स ने 19वां गोल्ड मैडल जीता हैं. रियो ओलंपिक से पहले चार बार ओलंपिक में हिस्सा ले चुके माइकल ने न केवल अपने देश के लिए 19 गोल्ड जीते बल्कि दो रजत और दो कांस्य पदक भी जीता है.


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विश्व के बेहतर तैराक माइकल फेल्प्स अमरीका के लिए खेलते हैं. लेकिन उनकी यह उपलब्धि किसी खिलाड़ी के लिए एक असंभव सी चुनौती लगती है. माइकल फेल्प्स अपने छोटे से ओलंपिक कॅरियर में जितने पदक अपने देश के लिए लेकर आए हैं उतने पदक तो ओलंपिक इतिहास में बहुत से ऐसे देश है जो लेकर नहीं आए. भारत भी उनमें से एक है. भारत ने ओलंपिक इतिहास में कुल 9 गोल्ड मैडल लेकर आया है जो माइकल फेल्प्स से आधे से भी कम है.


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इस लेख के माध्यम से भारत या उसकी जनता की योग्यता पर चोट नहीं करना है बल्कि उस व्यवस्था पर सवाल उठाना है जो सालों से देश की जनता को ओलंपिक मैडल के झूठे सपने दिखा रही है. हर चार साल बाद देश की जनता यह उम्मीद लगाए रहती है कि भारत मैडल प्राप्त करने की संख्या में इजाफा करेगा लेकिन हर बार नतीजा ढाक के तीन पात रहता है.


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ऐसा नहीं है कि भारत में योग्यता या पैसे की कमी है. भारत में ये दोनों है लेकिन व्यवस्था की खामियों की वजह से सरकारी पैसा सही खिलाड़ियों पर नहीं लग पाता. सवाल उन खेल संस्थाओं पर उठता है जो सालों से अपनी कुर्सी जमाए बैठे हुए हैं. इन खेल संस्थाओं में भ्रष्टाचार और कुव्यवस्था इस कदर हावी है कि सही योग्यता पहचानी नहीं जा रही है.


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सवाल उस खेल मंत्रालय पर भी उठता है जिसका काम युवाओं को खेल के प्रति जागरुक करना है और उन्हें एक प्लेटफॉर्म देना है, लेकिन जब ऑलंपिक जैसे बड़े इवेंट में भारत के हाथ एक-दो मैडल के अलावा कुछ नहीं मिलता तो इन मंत्रालयों के वजूद पर सवाल उठने लगता है.

वैसे मेरे इस छोटे से लेख से कुछ आशावादी लोग मुझे निराशावादी करार देंगे लेकिन सच्चाई से कोई भी मुंह मोड़ नहीं सकता. आज भारत जनसंख्या में चीन को पछाड़ने की राह पर है लेकिन ओलंपिक मैडल के मामले में सालों बाद भी कतार में बहुत पीछे है…Next


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