जब बात भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच की होती है तो उस समय दोनों देशों के बीच कूटनीतिक रिश्तों की बात अपने आप उजागर होने लगती है. मैच की गरमाहट और रोमांच को देखते हुए कभी नहीं लगा कि दोनों देशों के रिश्तों में किसी भी तरह का नरम रवैया है. यही नहीं दोनों देशों के दर्शक भी अपनी-अपनी टीम को जिताने के लिए हाई वोल्टेज हुंकार भी भरते हैं जिससे पूरा स्टेडियम गूंज उठता है.
यह तो बात हुई क्रिकेट की, लेकिन एक खेल ऐसा भी है जहां भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के दर्शक एक मंच पर एक ही टीम का जोरदार समर्थन करते हुए दिखाई देते हैं. अब आप हैरान हो रहे होंगे कि भला यह कैसे हो सकता है? जिन देशों ने 1947 के बाद से ही अपने विचारों में टकराव देखा हो और जिन्होंने तीन भयंकर युद्ध का सामना किया हो वह भला एक खेल के जरिए दोस्त कैसे हो सकते हैं!
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सन 2010 में भारत के टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना और पाकिस्तान के ऐसाम उल हक कुरैशी ने साथ मिलकर एटीपी डबल्स का खिताब जीता था तब किसी को नहीं पता था कि यह जोड़ी आने वाले वक्त में “’इंडो-पाक एक्सप्रेस ऑफ पीस’” के नाम से विख्यात होगी. दोनों देशों के खिलाड़ियों ने अपने खेल के जरिए युद्ध की स्थिति को खत्म करके शांति का माहौल स्थापित करने की कोशिश की. आपके जानकारी के लिए बता दें कि इसी जोड़ी की वजह से पाकिस्तान को पहली बार 2010 में ग्रांड स्लैम का खिताब मिला था. जो काम क्रिकेट और हॉकी नहीं कर पाए उस काम को टेनिस के जरिए इन दोनों खिलाड़ियों ने कर दिखाया. वैसे इस जोड़ी की शुरुआत 2007 में हुई थी, जो लंबे समय तक कामयाब रही, लेकिन बाद में भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के चलते इनकी जोड़ी आगे नहीं चल पाई.
हाल ही में इस जोड़ी ने दुबई में फिर धमाल मचाया है. भारतीय टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना और उनके पाकिस्तानी जोड़ीदार ऐसाम उल हक कुरैशी ने जोड़ी बनाने के बाद दुबई में अपना पहला एटीपी खिताब जीता. दोनों ने इसी साल फिर से जोड़ी बनाने का फैसला किया था. किसी वजह से दो साल पहले यह सफल जोड़ी अलग हो गयी थी. इनका अंतिम टूर्नामेंट 2011 में लंदन में एटीपी वर्ल्ड टूर फाइनल था.
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