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अतीत में भी मौत को देख चुके हैं शुमाकर

रेसिंग ट्रैक पर सरपट भागती अपनी कार से मौत को चकमा देने वाले सात बार के फॉर्मूला वन के विश्व विजेता माइकल शुमाकर की हालत में थोड़ा सुधार हुआ है लेकिन अभी भी वह खतरे से बाहर नहीं हैं और कोमा में हैं. डॉक्टरों ने शुमाकर के परिवार के साथ सलाह मशविरे के बाद दूसरा ऑपरेशन किया. डॉक्टरों ने बताया कि दूसरा ऑपरेशन खून के थक्के को हटाने के लिए किया गया, जो मस्तिष्क पर दबाव डाल रहा था.


michael schumacher 1यह सोचने वाली बात है कि हर पल मौत को मात देने वाले खिलाड़ी माइकल शुमाकर आज खुद ही जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं. गौरतलब है कि बीते रविवार को दक्षिणपूर्व फ्रांस के आल्प्स पर्वत पर स्कीइंग के दौरान शुमाकर दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे और उनका सिर पत्थर से टकरा गया था. उन्हें तत्काल हेलिकॉप्टर से मोटियर्स लाया गया और अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां से उन्हें ग्रेनोबल के एक अस्पताल में स्थांतरित किया गया. वह तब से ग्रेनोबल के यूनिवर्सिटी अस्पताल में भर्ती हैं.


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माइकल शूमाकर का जीवन

रफ्तार के बादशाह माइकल शूमाकर का जन्म 03 जनवरी, 1969 को पश्चिमी जर्मनी के हर्थ शहर में हुआ. जब शुमाकर चार वर्ष के हुए तब रेस के प्रति उनके रुझान को देखकर उनके पिता ने पैडल कार्ट में ही मोटर साइकिल का इंजन लगा दिया. इसके बाद उनके पिता ने शुमाकर का दाखिला कार्ट क्लब में करवा दिया. वह क्लब में सबसे कम उम्र के रेसर थे. यह जनकर सबको हैरानी होगी कि शुमाकर ने छह वर्ष की उम्र में कार्ट क्लब चैम्पियनशिप जीती. आगे चलकर शुमाकर को रेस के लिए महंगी कार्ट की जरूरत थी, लेकिन शुमाकर के पिता कार्ट खरीदने में असमर्थ थे. तब एक स्थानीय व्यापारी ने शुमाकर को मदद देने के लिए हाथ बढ़ाया जिसके बाद शुमाकर ने पीछे मुड़कर नहीं देखा.


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शुमाकर ने पहले भी अपनी आंखों से मौत को देखा

1992 में अपना पहला ग्रां प्री रेस जीतने वाले माइकल शुमाकर के लिए 1994 का साल काफी क्रांतिकारी रहा. उन्होंने इस साल फॉर्मूला वन में अपनी पहली चैम्पियनशिप जीती, लेकिन चैम्पियन आयर्टन सेन्ना की मौत उनके लिए बेहद दुखदायी रही. दरअसल, सेन मरीनो ग्रां प्री के दौरान जब दुर्घटना में आयर्टन की मौत हुई तो, शुमाकर ठीक उनके पीछे दूसरे नंबर पर थे.


शुमाकर ऐसे अकेले ड्राइवर हैं, जिनके नाम सात बार वर्ल्ड चैम्पियनशिप (1994, 1995, 2000, 2001, 2002, 2003 और 2004) जीतने का रिकॉर्ड है. इनमें से पांच चैम्पियनशिप लगातार जीतने का रिकॉर्ड भी उनके नाम है. शुमाकर ने अब तक 308 रेस की हैं, इनमें से 91 जीती हैं. वह 155 रेस में टॉप थ्री रहे हैं. शुमाकर के कॅरियर प्वाइंट 1,566 हैं. शुमाकर ने अपने कॅरियर में बेनेटन और फेरारी टीम से जीत दर्ज की है. फरारी ने आज तक कुल 16 चैम्पियनशिप जीती हैं, जिनमें से पांच शुमाकर के नाम हैं. स्वीट्जरलैंड में पत्नी और दो बच्चों के साथ रह रहे शुमाकर ने 2012 में संन्यास ले लिया था.


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