जब पहलवान सुशील कुमार कुश्ती में पहली बार 2008 बीजिंग ओलंपिक खेलों में पदक लेकर आए तभी देश के हजारों युवाओं ने कुश्ती को एक कॅरियर के रूप में देखना शुरू कर दिया था. जिसका परिणाम यह हुआ कि लंदन ओलंपिक 2012 में भारत को कुश्ती में दो पदक हासिल हुए. तब यह कहा जाने लगा कि भारत में कुश्ती को लेकर भविष्य काफी सुनहरा है. लेकिन अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के एक फैसले ने कुश्ती के भविष्य पर सवाल खड़ा कर दिया था.
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कुश्ती बचाओ अभियान
आईओसी के इस फैसले के बाद देश में कुश्ती को लेकर जो नया उत्साह पैदा हुआ था वह समाप्त होता दिख रहा था लेकिन भला हो कुश्ती के चाहने वालों का जिन्होंने 2020 ओलंपिक खेलों से कुश्ती को बाहर किए जाने के विरोध में कुश्ती बचाओ मुहिम की शुरूआत कर दी. हरियाणा और पंजाब सहित देश के कई राज्यों में हस्ताक्षर अभियान शुरू किया गया. कुश्ती का भविष्य खतरे में देख पहलवान सुशील कुमार और योगेश्वर ने ओलंपिक पदक वापस लौटाने की इच्छा जताई.
इनके अथक प्रयासों का ही नतीजा है कि आज कुश्ती ने ओलंपिक का हिस्सा बने रहने की पहली परीक्षा पास कर ली है. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने कुश्ती को शामिल कर लिया है. इससे पहले ओलंपिक के सबसे पुराने खेल कुश्ती को आईओसी के कार्यकारी बोर्ड ने फरवरी में 2020 होने वाले ओलंपिक के मुख्य खेलों की सूची से हटा दिया था.
अभी आसान नहीं है रास्ता
आईओसी ने कुश्ती को उन तीन खेलों में शामिल किया है जिनको लेकर 8 सितंबर, 2013 को ब्यूनसआयर्स में मतदान किया जाएगा. कुश्ती को जिन तीन खेलों से सामना करना है वह स्क्वाश, साफ्टबाल एवं बेसबाल हैं. इन तीनों में केवल एक खेल को ओलंपिक 2020 के मुख्य खेलों में जगह मिलेगी.
ओलंपिक में कुश्ती
पहली बार पुरुषों का कुश्ती मुकाबला आधुनिक कुश्ती के पहले संस्करण में ही वर्ष 1896 में खेला गया. जबकि महिलाओं के लिए एथेंस में वर्ष 2004 में कुश्ती के दरवाजे खोले गए. ओलंपिक खेलों में कुश्ती दो श्रेणियों में लड़ी जाती है. पहली फ्री-स्टाइल और दूसरी ग्रीको-रोमन. पहली बार फ्री-स्टाइल कुश्ती को सेंट लुई (1904) में हुए ओलंपिक में जगह दी गई. ओलंपिक के चौथे संस्करण में (1908) लंदन में कुश्ती के दोनों श्रेणियों को जगह दी गई. फ्री-स्टाइल कुश्ती में खिलाड़ी एक-दूसरे को कमर के नीचे से ही पकड़ सकते हैं. ग्रीको-रोमन कुश्ती में शरीर के ऊपरी हिस्से और भुजाओं का ही इस्तेमाल होता है. पुरुषों के बीच दोनों ही तरह की कुश्ती में सात वजन-श्रेणियों में मुक़ाबले खेले जाते हैं वहीं महिलाओं में केवल फ्री-स्टाइल मुकाबले के लिए चार-वजन श्रेणियां होती हैं.
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