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Formula One 2012: कैसा रहा भारत में पिछली बार का फार्मूला वन रेस

पिछले बार भारत में हुई फार्मूला वन रेस का रोमांच अपनी चरम पर था. हर कोई इस रोमांच मजा लेने के लिए काफी उत्साही था. रफ्तार की इस जंग में पिछली बार रेड बुल रेसिंग टीम के सबसे युवा ड्राइवर सेबेस्टियन वेटेल ने सबको पीछे छोड़ कर विजेता के रूप में उभरे.पहली बार नोएडा के बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट पर हुई यह रेस कई मायनों में ऐतिहासिक रही.


फार्मूला वन रेस की कुछ रोचक बातें


भारतीय जुनून: इस रेस ने साबित कर दिया कि भारत में अगर क्रिकेट से बड़ा कोई खेल नहीं है तो ऐसा भी नहीं है कि दूसरे खेलों के दीवानों में कोई कमी है. फार्मूला वन रेस देखने के लिए जिस तरह से लोगों में उत्साह देखने को मिला उससे साफ हो गया कि अगर भारत में भी प्रशासन और खेल विभाग ने इस खेल को गंभीरता से लिया होता तो शायद आज तस्वीर अलग होती. शायद फार्मूला वन के खिताबी पॉडियम पर कोई भारतीय भी देखने को मिलता. इस बार भी लोगों के अंदर उसी तरह का उत्साह भले ही कम पर देखने को जरूर मिल रहा है.


क्या रहा परिणाम: विश्व चैंपियन वेटेल ने मैक्लारेन मर्सीडीज के जेंसन बटन और फरारी के फर्नांडो अलोंसो को पछाड़ते हुए शीर्ष स्थान पर कब्जा जमाया. वेटेल ने एक घंटा 30 मिनट 35.002 सेकंड का समय निकालकर इंडियन ग्रां प्री को अपने नाम किया. मैक्लरेन के जेंसन बटन दूसरे नंबर पर रहे. फरारी के अलोंसो को तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा. आस्ट्रेलियाई मार्क वेबर चौथे स्थान पर रहे. सात बार के चैम्पियन माइकल शूमाकर पांचवें स्थान पर रहे लेकिन मैक्लारेन के लुइस हैमिल्टन को फेरारी के फिलिप मासा के साथ एक और टक्कर के कारण सातवें स्थान से संतोष करना पड़ा.


भारतीय रफ्तार के जादूगर थोड़ी पीछे रहे: इस रेस में शामिल एकमात्र भारतीय ड्राइवर कार्तिकेयन ने अच्छा परिणाम हासिल किया. वह भले ही 17वें स्थान पर रहे लेकिन उन्होंने 23वें स्थान से शुरुआत की थी. वहीं अकेली भारतीय टीम फोर्स इंडिया के एड्रियन सुतिल नौवें स्थान पर रहकर अपनी टीम को दो अंक दिलाने में सफल रहे.


रोमांचक रही रेस: रेस की शुरुआत बेहद रोमांचक रही तथा कार पहले कार्नर पर ही फिसल गई. लोटस के जार्नो ट्रुली की कार हवा में लहराती हुई घास पर गिरी. इसके कुछ देर बाद विलियम के रूबेन बारिचेलो और सौबर के कोबायाशी की कारों में टक्कर हो गई. पहले लैप में ही टिमो ग्लोक और बारिचेलो पिट लेन पर थे तो कोबायाशी बाहर हो चुका था. बारिचेलो ने पिट स्टाप के बाद फिर से रेस शुरू की लेकिन ग्लोक की रेस कुछ देर बाद समाप्त हो गई. शूमाकर इस शुरुआती अफरातफरी का फायदा उठाकर 11वें से आठवें स्थान पर आ गए. उनके साथी निको रोसबर्ग पहले ही शीर्ष दस में चल रहे थे. वेबर और बटन के बीच पांचवें लैप में दूसरे स्थान के लिए कड़ा मुकाबला हुआ लेकिन आखिर में मैकलारेन का ड्राइवर आगे निकलने में सफल रहा. शूमाकर के बाद छठे स्थान पर मर्सीडीज के निको रोसबर्ग, सातवें स्थान पर भी हैमिल्टन, आठवें स्थान पर एसटीआर के जेमी अलगुरेसारी, नौवें पर सुतिल और दसवें स्थान पर सौबर के सर्जियो पेरेज रहे. वेटेल ने हालांकि पिछले रेस में दिखाया कि उनका कोई सानी नहीं है.


तेंदुलकर ने लहराया विजयी ध्वज: भारत में क्रिकेट के सबसे लोकप्रिय खिलाड़ी सचिन ने पहली इंडियन ग्रां प्री के अंत में विजयी ध्वज लहराया. सचिन के साथ इस शो को देखने भारत की कई बड़ी फिल्मी और क्रिकेट जगत से जुड़ी हस्तियां आई  थीं. सचिन के साथ साथ इस रेस को देखने सहवाग और हरभजन जैसे क्रिकेट स्टार आए थे तो वहीं फिल्मी दुनिया से जुड़े शाहरुख खान, दीपिका पादुकोण, गुलशन ग्रोवर, प्रीति जिंटा आदि भी आए थे.


कहते हैं अंत भला तो सब भला. भारत में हुई इस रेस का समापन जिस अंदाज में हुआ उसे देख तो सब यही कहेंगे. रेस से पहले तैयारियों, धूल और सुरक्षा को लेकर काफी चिंता जताई जा रही थी पर जिस अंदाज में भारतीय आयोजकों ने इस रेस को करवाया उसे देखकर साफ हो गया है कि अब भारत में वह सब मिल सकता है जो पहले सिर्फ विदेशी माना जाता था. उम्मीद है इस बार भी एक बेहतर आयोजन करने में सफल रहेगा.


Formula 1: फार्मूला वन रेस कार्यक्रम


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