क्रिकेट में एक बल्लेबाज के रूप में भगवान का दर्जा पा चुके मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को उनकी उपल्बधियों पर देश-विदेश में कई सम्मान दिए जा चुके हैं. उन्हीं सम्मानों में एक और सम्मान जुड़ने जा रहा है. जी हां, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री जुलिया गिलार्ड ने घोषणा की है कि वह महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर को ‘ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया’ की सदस्यता से सम्मानित करेंगी. सचिन को मिलने वाला यह सम्मान बहुत ही बड़ा है और यह सम्मान गैर-ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को कभी-कभार ही दिया जाता है.
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आपको बताते चलें कि सचिन तेंदुलकर को यह सम्मान देने की घोषणा उस समय की गई जब सचिन दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में चैंपियन्स लीग टी-20 में प्रदर्शन को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. सोमवार को लायंस के खिलाफ अपनी चहेती टीम मुंबई इंडियंस की तरफ से खेलते हुए सचिन तेंदुलकर एक बार फिर बोल्ड हो गए. सचिन तेंदुलकर के बोल्ड होने का सिलसिला पिछले चार मैचों से जारी है. इससे पहले वह न्यूज़ीलैड के खिलाफ़ घरेलू टेस्ट मुकाबलों में भी लगातार तीन पारियों में बोल्ड हुए थे.
लगभग 20 साल से अधिक क्रिकेट को अपनी सेवा देने वाले सचिन तेंदुलकर आज उन गेंदबाजों के सामने असहाय दिख रहे हैं जिन्होंने सचिन को देखकर अपने कॅरियर की शुरुआत की. मैच दर मैच जिस तरह से सचिन बोल्ड हो रहे हैं उसे तो देखकर यही लगता है कि अब सचिन का भी क्रिकेट से मन ऊब चुका है. वह क्रिकेट को उस चाव से नहीं खेल पा रहे हैं जिसके लिए विश्वभर में जाने जाते हैं. विश्वकप 2011 के बाद सचिन ने लगातार भारतीय दर्शकों को निराश किया. पहले इंग्लैंड फिर आस्ट्रेलिया उसके बाद न्यूजीलैंड के साथ खेले गए महत्वपूर्ण टेस्ट सीरीज में वह बिलकुल ही खोखले साबित हुए. पिछले कई महीनों से भारतीय टीम उनके सीनियर होने का फायदा नहीं उठा पा रही है.
ऐसा नहीं है कि वह ज्यादा क्रिकेट खेल रहे हैं इस वजह से उनके प्रदर्शन में गिरावट देखने को मिल रही है. सचिन अब तो अपने आप को फिट रखने के लिए कई मैच भी नहीं खेलते ताकि वह अपना पूरा ध्यान टेस्ट में लगा सके. लेकिन ऐसा देखा गया है कि जितना ही सचिन क्रिकेट से दूर हो रहे हैं उसका बुरा असर उनके प्रदर्शन पर देखने को मिल रहा है. युवाओं को मौका देने तथा अपने शरीर को टेस्ट के मुताबिक तैयार करने के लिए वह निरंतर क्रिकेट से दूर हो रहे हैं. आईपीएल और चैंपियन्स लीग टी-20 को छोड़कर केवल भारत द्वारा खेले गए टेस्ट सीरीज में ही दिखते हैं.
सचिन का क्रिकेट से दूर होना और लगातार क्रिकेट में खराब प्रदर्शन करना क्या यह दर्शाता है कि अब उनका क्रिकेट से अलविदा लेने का वक्त आ चुका है? जिस तरह से राहुल द्रविड़ और लक्ष्मण के संन्यास बाद मीडिया में उनके संन्यास की खबरें आ रही हैं उससे तो यही लगता है कि वह ज्यादा दिन तक क्रिकेट को अपनी सेवा नहीं दे पाएंगे. पिछले कुछ महीनों में यदि सचिन की गतिविधियों पर नजर डालें तो पता चलता है कि वह खुद भी क्रिकेट से संन्यास लेना चाहते हैं. जैसे उनका राज्यसभा में मनोनीत होना, एकदिवसीय और टी20 मैचों से अपने आप को दूर करना, क्रिकेट को छोड़कर अन्य दूसरी चीजों में अपना योगदान देना तथा आने वाले नवंबर सीरीज में संन्यास के बारे सोचना आदि बताता है कि वह क्रिकेट से थक चुके हैं. इसके अलावा लगातार मिल रहे सचिन को सम्मान भी इस बात के संकेतक हैं कि सचिन अब ज्यादा दिन तक क्रिकेट नहीं खेल सकते हैं.
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