Leander Paes vs Mahesh Bhupathi
किसी खिलाड़ी के जीवन में एक ही सपना होता है कि वह ओलंपिक में खेले और अच्छा प्रदर्शन करके अपने देश के लिए पदक हासिल कर सके. लेकिन आज जो भारतीय टेनिस में उठापटक चल रही है उसे देखकर यह कभी नहीं कहा जा सकता कि टेनिस संघ के खिलाड़ियों में ओलंपिक खेलने के लिए उत्साह और उमंग है. खेल के इतिहास में ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि कोई खिलाड़ी फिट होने के बावजूद ओलंपिक में जाने से मना करे.
भारत के टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस ने धमकी दी है कि अगर उन्हें ओलंपिक्स में किसी कम वरीयता प्राप्त खिलाड़ी के साथ जोड़ीदार बनाया जाता है तो वो प्रतियोगिता से बाहर हो जाएंगे. इस तरह की स्थिति तब आई जब महेश भूपति और रोहन बोपन्ना उनके साथ जोड़ी नहीं बनाना चाहते. पेस ने एआईटीए से कहा कि वह देश के चोटी के रैंकिंग के खिलाड़ी हैं और एटीपी रैंकिंग में सातवें नंबर पर हैं और वह केवल इसलिए जूनियर खिलाड़ी के साथ जोड़ी बनाने के लिए तैयार नहीं हैं.
अब यह मुद्दा इतना खिंच चुका है कि इस पर चर्चा करना निराधार सा लगता है. फ्रेंच ओपन के समय से ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि लिएंडर पेस जो लंदन ओलंपिक 2012 के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं, के साथ कौन-सा खिलाड़ी ओलंपिक में खेलेगा. इस तरह के कयास इसलिए लगाए जा रहे थे क्योकि पेस और भूपति अपने व्यक्तिगत कारणों की वजह से एक दूसरे साथ खेलना नहीं चाहते थे. लेकिन इन सभी अटकलों और कयासों को दूर रखते हुए अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) ने शुक्रवार को कहा कि लिएंडर पेस और महेश भूपति युगल मुकाबलों में खेलेंगे लेकिन भूपति ने साफ कर दिया कि वह पेस के साथ नहीं खेलेंगे. इसके बाद संघ ने पेस के साथ रोहन बोपन्ना को जोड़ा लेकिन सोमवार को उन्होंने भी इससे इंकार कर दिया.
इस मामले में खेल मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अजय माकन के हस्तक्षेप करने के बाद (एआईटीए) ने सुझाए पांच रास्ते:
1. चयनकर्ताओं के लिहाज से सबसे योग्य और एकमात्र जोड़ी पेस और भूपति की है इसलिए दोनों एक साथ खेलें.
2. भूपति अगर पेस के साथ नहीं खेलना चाहते तो फिर बोपन्ना को खेलना चाहिए.
3. इसमें ओलंपिक में दो जोड़ियों को भेजना शामिल है. पेस को युकी या फिर विष्णु के साथ खिलाया जाए और भूपति को बोपन्ना के साथ लंदन भेजा जाए.
4. अगर पेस को निचले क्रम के खिलाड़ी के साथ ओलंपिक के लिए नहीं जाना है तो फिर भूपति और बोपन्ना को देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया जाए.
5. भूपति और बोपन्ना अगर चयन समिति का फैसला नहीं मानते हैं तो फिर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए और पेस को किसी जूनियर के साथ लंदन भेजा जाए.
इस पूरे मामले को देखें तो ऐसा लग रहा है कि व्यक्तिगत हित राष्ट्रीय हित पर पूरी तरह से हावी है. पेस-भूपति के बीच विवाद आज से नहीं है यह पिछले 10 सालों से है. यह एक दूसरे को देखना तक पसंद नहीं करते लेकिन इन सब के बावजूद भी इन दोनों ने कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट भी खेले हैं और बेहतर प्रदर्शन करके भी दिखाया है. आज जरूरत है फिर से उन सभी विवादों को भूलकर अपने देश के बारे सोचने की. देश को आज ओलंपिक में पदक की दरकार है और इन दोनों खिलाड़ियों से लोगों को काफी उम्मीदें हैं.
All Indian Tennis Association (AITA), :Rohan Bopanna, AITA, Leander Paes, London Olympics 2012
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