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रफ्तार का जादू : फॉर्मूला-1 का फॉर्मूला


रफ्तार और रोमांच का जादू अगर किसी खेल में सर चढ़ कर बोलता है तो वह है फॉर्मूला-1. एक ऐसा खेल जहां सब चीज सिर्फ रफ्तार पर निर्भर होती है. 300 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार में जब गाड़ियां सड़क पर दौड़ती हैं तो उसका रोमांच दर्शकों के रोंगटे खड़े करने वाली होती है.

रफ्तार के इस खेल के भी कुछ नियम और कुछ कायदे हैं. अगर आप भी पहली बार इस फॉर्मूला वन रेस का हिस्सा बनने की सोच रहे हैं तो चलिए जानते हैं इस खेल से जुड़ी कुछ छोटी-छोटी पर अहम बातें जिन्हें जानकर आपको इस खेल को समझने में आसानी होगी और वैसे भी खेल को देखने का मजा तभी आता है जब खेल के बारे में पता हो.


indian grand prix Formula Oneफॉर्मूला-1 सत्र और विजेता

एक फॉर्मूला-1 सत्र में कुल 20 रेस होती हैं. इस सत्र में कुल 19 होनी हैं. कुल 12 टीमों के दो-दो ड्राइवर रेस में उतरते हैं. इस प्रकार कुल 24 ड्राइवरों के बीच रेस होती है. जो सबसे तेज समय निकालते हुए निर्धारित चक्कर (लैप) पूरे करता है, वह विजेता होता है. उसके बाद समय के आधार पर मेरिट बनती है.


मेरिट के आधार पर ड्राइवरों और टीमों को अंक मिलते हैं. प्रत्येक ग्रां.प्रि. में मिलने वाले इन्हीं अंकों के आधार पर साल के अंत में फार्मूला-1 चैंपियन (ड्राइवर और टीम) की घोषणा होती है. 2010 से पहले रेस में शीर्ष छह ड्राइवरों को अंक दिए जाते थे, लेकिन बाद में नियमों में बदलाव कर अंक पाने वाले ड्राइवरों और टीम का दायरा बढ़ाकर शीर्ष दस तक कर दिया गया. विजेता को 25, उपविजेता को 18 और तीसरे स्थान पर रहने वाले ड्राइवर को 15 अंक मिलते हैं. इसी तरह चौथे को 12, पांचवें को 10, छठे को 8, सातवें को 6, आठवें को 4, नौवें को 2 और दसवें को एक अंक मिलता है.


Indian-Grand-Prixइस बार फॉर्मूला वन में भाग लेने वाली टीमें

फॉमूला वन में 12 टीमें हिस्सा लेती हैं और हर टीम के दो ड्राइवर रेस में होते हैं. इस प्रकार कुल 24 ड्राइवरों के बीच रेस होती है. इस बार जो बारह टीमें रेस में हिस्सा ले रही हैं वो निम्न हैं:


1- रेड बुल रेनॉ

2- मैकलारेन मर्सिडीज

3- फेरारी

4- मर्सिडीज

5- रेनॉ

6- फोर्स इंडिया (भारत)

7- सॉबर-फेरारी

8- टोरो रोसो

9- विलियम्स

10- लोटस रेनॉ

11- हिस्पेनिया

12- वर्जिन


2011 का फॉर्मूला 1 कैलेंडर

1. कांतास आस्ट्रेलियन ग्रॉंड प्रिक्स (मेलबोर्न) – 25 से 27 मार्च

2. पेट्रोनॉस मलेशिया ग्रॉंड प्रिक्स ( कुआलालंपुर) – 8 से 10 अप्रैल

3. यूबीएस चाइनीज ग्रॉंड प्रिक्स (शंघाई) – 15 से 17 अप्रैल

4. तुर्की ग्रॉंड प्रिक्स (इस्तांबुल) – 06 से 08 मई

5. ग्रैन प्रीमियो डि एस्पैना 2011 ( कातालुन्या) –20 से 22 मई

6. ग्रॉंड प्रिक्स डि मोनैको 2011 ( मोंटे कार्लो) – 26 से 29 मई

7. ग्रॉंड प्रिक्स डु कनाडा 2011 ( मॉंट्रियल) – 10 से 12 जून

8. यूरोपीयन ग्रॉंड प्रिक्स ( वैलेंशिया) – 24 से 26 जून

9. सांतांदर ब्रिटिश ग्रॉंड प्रिक्स ( सिलवरस्टोन) – 08 से 10 जुलाई

10. ग्रोसर प्रीस सांतांदर वॉन डचलैंड 2011 ( नारबरग्रिंग) – 22 से 24 जुलाई

11. फॉर्मूला 1 ईएनआई मगयार नैगिडिज 2011 (बुडापेस्ट) – 29 से 31 जुलाई

12. शेल बेल्जियन ग्रॉंड प्रिक्स ( स्पा- फ्रंकोरचैम्प्स) – 26 से 28 अगस्त

13. फॉर्मूला 1 ग्रैन प्रीमियो सांतांदर ड इटैलिया 2011 ( मोंज़ा) – 9 से 11 सितम्बर

14. सिंग्टेल सिंगापुर ग्रॉंड प्रिक्स (सिंगापुर) – 23 से 25 सितम्बर

15. जापानीज ग्रॉंड प्रिक्स ( सुजुका) – 07 से 09 अक्टूबर

16. कोरियन ग्रॉंड प्रिक्स (योंगाम) – 14 से 16 अक्टूबर

17. इंडियन ग्रॉंड प्रिक्स (नई दिल्ली) – 28 से 30 अक्टूबर

18. इतिहाद एयरवेज अबु धाबी ग्रॉंड प्रिक्स (यस मरिना सर्किट) – 11 से 13 नवम्बर

19. फॉर्मूला 1 ग्रैंड प्रीमियो डो ब्राजील 2011 (साओ पाउलो) – 25 से 25 नवम्बर


फार्मूला-1 ड्राइवर

रोमांच के इस खेल में खिलाड़ी बहुत अहम और मूल्यवान होते हैं. रफ्तार के इस खेल में पैसा तो मानो पानी की तरह बहता है. लेकिन फॉर्मूला वन गाड़ी को चलाना कोई बच्चों का खेल नहीं. फार्मूला-1 ड्राइवर बनने के लिए एफआईए से सुपर लाइसेंस की जरूरत होती है. एक रेसिंग टीम में ज्यादा से ज्यादा चार ड्राइवर हो सकते हैं, जिनमें से दो रेस में उतरते हैं. दो ड्राइवर (एडिशनल) रखना जरूरी होता है. ड्राइवरों का टीमों से सालाना वैतनिक करार होता है. इन्हें एक साल में जितना वेतन मिलता है, उतना सचिन तेंदुलकर या महेंद्र सिंह धोनी जैसे हमारे सबसे ज्यादा कमाने वाले क्रिकेटर पांच साल में नहीं कमा पाते.


Michael-Schumacher 13रफ्तार के कुछ बेहतरीन जादूगर

हाल के सालों में फॉर्मूला वन की दुनिया में माइकल शुमाकर का नाम क्रिकेट के सचिन से भी बड़ा माना जाता है. तेज रफ्तार गाड़ियों के शौकीन और दुनिया के नंबर वन रेसर रह चुके माइकल ने सात बार फार्मूला वन रेस जीती है जिसमें 2000 से लेकर साल 2004 तक तो वह लगातार इस खेल के बादशाह बने रहे जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. तो चलिए नजर डालते हैं ऐसे ही कुछ खिलाड़ियों पर जिन्होंने एक से ज्यादा बार यह रेस जीती है.


1. माइकल शूमाकर (सात बार): 1994-95, 2000-04

2. जुआन मैनुअल फैंजियो (पांच बार): 1951, 1954-57

3. एलियेन प्रोस्ट (चार बार): 1985-86, 89, 93

4.आयर्टन सेना (तीन बार): 1988, 1990-91

5.निकी लउडा (तीन बार): 1975, 77, 84

6.नेलसन पिक्वेट (तीन बार):1981, 83, 87

7.जैकी स्टीवर्ट (तीन बार):1969, 71, 73

8.जैक ब्राब्हम (तीन बार):1959-60, 66

9.फर्नाडो ओलोंसो (दो बार):2005-06

10.मिका हक्किनेन (दो बार):1998-99

11.एमरसन फिंटीपाल्डी (दो बार): 1972, 74

12.ग्राहम हिल (दो बार): 1962, 68

13.जिम क्लार्क (दो बार): 1963, 65

14.एलबर्टो अस्कारी (दो बार): 1952-53


इस बार फॉर्मूला वन के जादूगर

इस सत्र में अब तक हो चुकी 14 रेस में गत चैंपियन टीम रेड बुल रेसिंग टीम सबसे आगे चल रही है. उसके गत चैंपियन ड्राइवर सेबेस्टियन विटेल शीर्ष पर बने हुए हैं.


1.सेबेस्टियन विटेल (रेड बुल)

2.जेसन बटन (मैकलारेन)

3.फर्नाडो ओलोंसो (फेरारी)

4.मार्क वेबर (रेड बुल)

5.लुईस हैमिल्टन (मैकलारेन)

6.फेलिप मासा (फेरारी)

7.निको रोजबर्ग (मर्सिडीज)

8.माइकल शूमाकर (मर्सिडीज)

9.विटाले पेट्रोव (रेनो)

10.एड्रियन सुतिल (फोर्स इंडिया)

11.कामुइ कोबायाशी (सॉबर)

12.पॉल डि रेस्टा (फोर्स इंडिया)

13.जैमे अलगुएरसुआरी (टोरो रोसो)

14.सेबेस्टियन बुएमी (टोरो रोसो)

15.सर्गियो परेज (सॉबर)

16.रुबेंस बारीचेलो (विलियम्स)

17.ब्रूनो सेना (रेनो)

18.पास्तोर मैलडोनाडो (विलियम्स)

19.जार्नो त्रुली (टीम लोटस)

20.हेइक्की कोवालाएनेन (टीम लोटस)

21.जेरोम डि एमब्रोसियो (वर्जिन)

22.टिमो ग्लॉक (वर्जिन)

23.डेनियल रिकॉर्डो (हिस्पेनिया)

24.नारायण कार्तिकेन (हिस्पेनिया)


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