भारतीय क्रिकेट टीम में समय-समय पर कई ऐसे खिलाड़ियों ने दस्तक दी है जिन्होंने अपने अल्प प्रदर्शन से सबको चौंका दिया पर वह अपने प्रदर्शन को लंबे समय तक जारी नही रख पाए. अधिक प्रतिस्पर्धा और निरंतर प्रदर्शन ना कर पाने की वजह से ऐसे खिलाड़ी जितनी जल्दी प्रसिद्ध होते हैं उतनी ही जल्दी सुर्खियों से गायब भी हो जाते हैं. ऐसे ही एक खिलाड़ी हैं यूसुफ पठान. अपनी तुफानी बल्लेबाजी से उन्होंने आते ही काफी धूम-धड़ाका मचाया लेकिन इस धूम-धड़ाके को वह अधिक समय तक जारी नहीं रख पाए. आज वह टीम में नहीं हैं और टीम में आने के लिए उन्हें अब कड़ी मेहनत की जरूरत है.
यूसुफ पठान की शैली
विस्फोटक बल्लेबाजी के शौकीन यूसुफ स्वभाव से बेहद शांत और शर्मीले किस्म के इंसान हैं. जिस बेरहमी से वह मैदान के अंदर गेंदों की पिटाई करते हैं, मैदान के बाहर के बाहर वह उतने ही ठंडे रहते हैं.
खाने-पीने के शौकीन यूसुफ पठान अपने भाई इरफान पठान की तरह ही सुर्खियों में बिना वजह आना पसंद नहीं करते.
Profile of Yusuf Pathan: यूसुफ पठान का जीवन
17 नवंबर, 1982 को जन्मे यूसुफ पठान भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी इरफान पठान के बड़े भाई हैं. हालांकि यूसुफ ने अपना कॅरियर छोटे भाई के बाद शुरू किया है.
बड़ौदा के एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे पठान को क्रिकेट का शौक बचपन से ही था. वह अपने भाई को भी इस खेल में माहिर बनाते रहे और एक समय ऐसा आया जब टीम में उनसे पहले उनके छोटे भाई को चुना गया. लेकिन देर ही सही टीम में जगह बड़े भाई यूसुफ पठान को भी मिली.
Yusuf Pathan’s Career: यूसुफ पठान का कॅरियर
2007 में देवधर ट्राफी (Deodhar Trophy) और इंटर स्टेट डोमेस्टिक टी-ट्वेंटी टूर्नामेंट में यूसुफ पठान के बेहतरीन खेल ने उन्हें 2007 में इंटरनेशनल टी-ट्वेंटी विश्व कप में भारतीय टीम में शामिल करा दिया.
साल 2008 में आईपीएल के दौरान राजस्थान रॉयल्स की तरफ से खेलते हुए उन्होंने बहुत शानदार खेल दिखाया था. मैदान पर लंबे-लंबे छक्के लगाना और एक ऑलराउंडर की भूमिका निभाना उनका ट्रेडमार्क बन गया. आईपीएल में बेहतरीन प्रदर्शन की वजह से उन्हें वनडे टीम में चुना गया. लेकिन कई मौके मिलने के बाद भी वह चयनकर्ताओं को खुश नहीं कर पा रहे थे. कुछेक मौके पर उन्होंने तुफानी बल्लेबाजी की लेकिन टिक कर ना खेल पाने की वजह से हमेशा उन्हें टीम के अंदर-बाहर किया जाने लगा.
साल 2009 में रविन्द्र जडेजा के आने के बाद उन्हें टीम से लगभग बाहर कर दिया गया. लेकिन पठान ने फिर घरेलू क्रिकेट के द्वारा अंतरराष्ट्रीय टीम में जगह बनाई. 2010 में दिलीप ट्राफी (Duleep Trophy) में उन्होंने एक शतक और एक तेजतर्रार दोहरे शतक से अपनी टीम वेस्ट जोन को साउथ जोन पर विजय दिलाई. इस मैच में यूसुफ पठान ने पहली पारी में 108 और दूसरी पारी में 210 रन बनाए थे.
साल 2010 में यूसुफ पठान ने आईपीएल में भी धमाका किया और मुंबई इंडियंस के खिलाफ एक मैच में 37 गेंदों पर शतक ठोंक दिया. इस मैच में यूसुफ की तुफानी बल्लेबाजी देखने लायक थी. इसके बाद दिसंबर 2010 में न्यूजीलैण्ड के खिलाफ यूसुफ पठान ने 96 गेंदों पर 123 रन बनाकर टीम इंडिया को जीत दिलाई. साल 2011 का दक्षिण अफ्रीका दौरा भी यूसुफ पठान की बेरहम बल्लेबाजी के लिए जाना जाता है.
लेकिन 2011 क्रिकेट विश्व कप में यूसुफ पठान के औसत प्रदर्शन ने उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखला दिया. क्रिकेट में बूम-बूम मचाना ही काफी नहीं होता. परिस्थितियों के हिसाब से जो खिलाड़ी खुद को ढाल ले वही असली खिलाड़ी होता है और यह बात यूसुफ पठान को समझनी ही होगी. इस समय दोनों पठान बंधुओं की किस्मत के तारे गर्दिश में नजर आ रहे हैं लेकिन सबको उम्मीद है कि एक दिन आएगा जब यूसुफ टीम इंडिया के नियमित सदस्य होंगे. यूसुफ पठान में वह दम है जिसके बूते वह अकेले दम पर मैच को जिता सकते हैं और यह बात उन्होंने अपने छोटे से कॅरियर में साबित भी की है.
यूसुफ पठान की उपलब्धियां और रिकॉर्ड
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