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मोहिंदर अमरनाथ: साहस और आक्रामकता के प्रतीक


भारतीय क्रिकेट टीम आज विश्व की नंबर वन टीम बन चुकी है. 1983 के बाद भारत दूसरी बार विश्व कप की ट्राफी उठाने में सफल हुआ है. 1983 में पहली बार भारतीय टीम ने विश्व विजेता की ट्राफी को चूमा था. 1983 का वह विश्व कप अपने आप में अनोखा था. विश्व कप के शुरुआती दो संस्करणों के विजेता वेस्टइंडीज से फाइनल में जीत आज भी हर भारतीय को रोमांचित कर देती है. इस जीत के कई ऐसे नायक थे जिनके बिना यह जीत शायद ना मिल पाती. ऐसे ही एक सितारे थे मोहिंदर अमरनाथ.


Mohinder AmarnathMohinder Amarnath’s Lifestyle : मोहिंदर अमरनाथ का जीवन


टीम में प्यार से ‘जिम्मी’ पुकारे जाने वाले अमरनाथ का जन्म 24 सितम्बर, 1950 को पंजाब के पटियाला में हुआ था. बचपन से ही क्रिकेट का शौक उन्हें अपने पिता और स्वतंत्र भारत के पहले क्रिकेट कप्तान लाला अमरनाथ की वजह से मिला था. उनके भाई सुरिन्द्र और राजेन्द्र भी क्रिकेट से ही जुड़े हुए थे, ऐसे में मोहिंदर अमरनाथ का क्रिकेट के प्रति प्यार स्वाभाविक था.


Mohinder Amarnath "Jimmy"मोहिंदर अमरनाथ की शैली


मोहिंदर अमरनाथ दाएं हाथ के बल्लेबाज और गेंदबाज थे. मोहिंदर को तेज गति के खिलाफ खेलने वाले सबसे बेहतरीन भारतीय क्रिकेटर के रूप में देखा जाता है. अलग व्यक्तित्व, साहस, दृढ़ संकल्प, आक्रामक शैली और किसी भी दर्द को सहने की उनकी क्षमता उन्हें एक अलग श्रेणी में रखती है. दुनिया की सबसे तेज पिच पर भी तेज बल्लेबाजी करने वाले मोहिंदर अमरनाथ का व्यक्तित्व बेहद शांत है लेकिन मैदान पर यह शांति अक्सर गायब ही रहती थी.


Mohinder Amarnath’s Career : मोहिंदर अमरनाथ का कॅरियर


मोहिंदर अमरनाथ ने अपने कॅरियर की शुरुआत 1969 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ से की. मोहिंदर अमरनाथ टीम में एक ऑलराउंडर की भूमिका में आए थे पर कॅरियर के सर्वोच्च शिखर पर वह एक आक्रामक बल्लेबाज बन गए जो नंबर तीन पर आकर हिटिंग करते थे. वह एक कुशल गेंदबाज भी थे. अपने कॅरियर में वह बहुत बार टीम से अंदर-बाहर हुए.


मोहिंदर अमरनाथ ने 69 टैस्ट मैच खेले जिसमें उन्होंने 4,378 रन बनाए. उनके रनों का औसत 42.50 रहा. टेस्ट मैचों में उन्होंने 11 शतक और 24 अर्द्धशतक लगाए साथ ही मोहिंदर अमरनाथ ने 55.68 रन औसत के हिसाब से 32 विकेट भी लिए हैं.


एक दिवसीय मैचों में भी उनका प्रदर्शन कमाल का रहा है. 85 एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में मोहिंदर अमरनाथ ने 30.53 के औसत के हिसाब से 1924 रन बनाए. उनका सर्वोच्च स्कोर नाबाद 102 रन का है और 42.84 रन के औसत से उन्होंने 46 विकेट लिए. मोहिंदर अमरनाथ अकेले ऐसे भारतीय क्रिकेटर हैं, जिन्हें गेंद हैंडल करने की वजह से आउट करार दिया गया था. साथ ही वह भारत के अकेले ऐसे एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्हें मैच में बाधा पहुंचाने के लिए यानि ऑब्स्ट्रक्टिंग द फील्ड ( obstructing the field) आउट करार दिया गया था.


Kapil Dev and Amarnath in 1983 World CupMohinder Amarnath in World Cup 1983 : मोहिंदर अमरनाथ और विश्व कप 1983


1983 के विश्व कप में जीत के महानायकों में से एक अमरनाथ का प्रदर्शन बेहद कमाल का था. मोहिंदर अमरनाथ ने 1983 के विश्व कप में आठ मैचों में 237 रन बनाने के अलावा आठ विकेट भी हासिल किए थे. अमरनाथ ने इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में 12 ओवर में 27 रन देकर दो विकेट लेने के अलावा शानदार 46 रन बनाकर भारत को मेजबान पर अप्रत्याशित जीत दिलाई थी. फाइनल में दो बार के चैम्पियन वेस्टइंडीज के खिलाफ 183 के मामूली स्कोर में 26 रन का योगदान किया और सात ओवर में सिर्फ 12 रन पर तीन विकेट लेकर विश्व चैम्पियन को 140 पर ढेर कर भारत को 43 रन से जीत दिला दी थी. वह 1983 के सेमीफाइनल और फाइनल में “मैन ऑफ द मैच” थे.


Mohinder Amarnath’s Record : मोहिंदर अमरनाथ के रिकॉर्ड


  • 69 टेस्ट मैचों में 4378 रन
  • 85 वनडे में 1926 रन
  • विश्व कप 1983 में सेमीफाइनल और फाइनल के मैन ऑफ द मैच
  • अपने समय के सबसे बेहतरीन ऑलराउंडर.
  • सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित

मोहिंदर अमरनाथ ने असल मायनों में ऑलराउडरों की भूमिका को टीम में महत्वपूर्ण बना दिया था. इसके बाद से हर विश्व कप में टीमें अपने साथ ऑलराउंडरों को ले जाने लगीं और यह कारगर भी सिद्ध हुआ. चाहे आस्ट्रेलिया हो या श्रीलंका सबने विश्व कप की ट्राफी पर अपने ऑलराउंडरों के बूते ही कब्जा जमाया है. पाकिस्तान की तरफ से इमरान खान तो श्रीलंका के जयसूर्या या 2011 विश्व कप के हीरो युवराज सिंह, सभी ने साबित किया है कि ऑलराउंडरों के बिना जीत बहुत मुश्किल है.


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