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क्रिकेट का भगवान – सचिन तेंदुलकर (Profile of Sachin Tendulkar)


Sachin Tendulkar) विश्व क्रिकेट का वह चेहरा है जिसे पिछले बीस सालों से करोड़ों खेल-प्रेमी अपनी आंखों का तारा बनाए हुए हैं. बल्लेबाजी का शायद ही कोई ऐसा रिकॉर्ड हो जो इस महानायक की पहुंच से दूर हो.

सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) का नाम भारत में इस कदर लोकप्रिय है कि एक समय लोग सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को ही क्रिकेट का दूसरा नाम मानते थे. इस अकेले खिलाड़ी के पास इतने रन हैं जितना इस समय पूरी एक टीम के पास भी नहीं है.


Sachin TendulkarSachin Tendulkar’s Profile : सचिन का जीवन परिचय

सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) का जन्म 24 अप्रैल, 1973 को मुंबई में हुआ था. बचपन से ही हाथों में बल्ला लिए सचिन पहुंच जाते थे गेंदबाजों के छक्के छुड़ाने. सचिन का नाम उनके पिता रमेश तेंदुलकर ने उनके चहेते संगीतकार सचिन देव बर्मन के नाम पर रखा था. पर उन्हें क्या पता था कि उनका बेटा एक दिन महान संगीतकार सचिन देव बर्मन से भी ज्यादा प्रसिद्ध हो जाएगा. बड़े भाई अजीत तेंदुलकर ने क्रिकेट खेलने के लिए प्रोत्साहित किया तो स्कूल में भी शिक्षकों का पूरा सहयोग मिला.


सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने अपने स्कूल मुंबई के शारदाश्रम विद्यामंदिर (Sharadashram Vidyamandir) से ही अपने क्रिकेट कॅरियर की शुरुआत कर दी थी. रमाकांत आचेरकर की छत्रछाया में उन्होंने प्रारंभिक क्रिकेट सीखना शुरु किया. इसके बाद एमआरएफ फाउंडेशन (MRF Foundation) की तरफ से आस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज डेनिस लिली ने सचिन को तेज गेंदबाजी करते देखा तो कहा कि गेंदबाजी से बेहतर है तुम बल्लेबाजी पर ध्यान दो. इस एक कथन ने क्रिकेट के भगवान की तकदीर बदल दी.


sachin02-258x300Sachin Tendulkar’s Career : क्रिकेट कॅरियर की शुरुआत


1988 में स्कूल के एक हॅरिस शील्ड मैच में विनोद कांबली के साथ खेलते हुए 664 रन की भागीदारी बनाकर स्कूल क्रिकेट में विश्व कीर्तिमान कर दिया था. सचिन ने इस मैच में 320 रन बनाए थे. सचिन ने 14 साल की उम्र से ही प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच खेलना शुरु कर दिया था. मुंबई की तरफ से खेलते हुए सचिन ने चयनकर्ताओं को आकर्षित किया और 16 साल की उम्र में ही सचिन को देश की तरफ से खेलने का पहला मौका मिला.


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18 दिसम्बर, 1989 को गुजरांवाला, पाकिस्तान में सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने अपने एकदिवसीय कॅरियर की शुरुआत की. अपने प्रर्दापण मैच में सचिन ने अपने जुझारू होने का सबूत दे दिया जब उन्होंने वसीम अकरम, वकार यूनुस जैसे गेंदबाजों का डटकर सामना किया. साल 1989 में कॅरियर का पहला दौरा उनके लिए अच्छा नहीं रहा और तेज गेंदबाज वकार यूनुस की बाउंसर तेंदुलकर को लगी और उनकी नाक से खून बहने लगा था लेकिन तेंदुलकर इससे घबराए नहीं और उन्होंने अगले दो दशकों तक दुनियां में हर तरह के मैदानों पर दिग्गज गेंदबाजों को खूब सबक सिखाया.


sachin tendulkar : God of Cricket1989 से लेकर 1994 तक सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने क्रिकेट के मैदान पर अपनी शैली से अपनी अलग पहचान तो बनाई पर वह नाम कमाने में असफल ही रहे. इन पांच सालों में सचिन ने एक भी शतक नहीं लगाया था. लेकिन इसके बाद सचिन ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. आस्ट्रेलिया, सिडनी, शारजाह, कानपुर जहां भी मौका मिला, उन्होंने बल्ला उठाकर आसमान में भगवान को धन्यवाद दिया और अपने प्रशंसकों को शतक का तोहफा दिया. 1997 से लेकर 2003 तक तो सचिन लिटिल मास्टर से मास्टर ब्लास्टर बन चुके थे.


2003 में उनकी ही बदौलत टीम इंडिया फाइनल तक पहुंची तो 2011 में उन्होंने टीम को विश्व कप की ट्राफी उठाने में मदद की. सचिन ने उम्र के इस पड़ाव में भी वनडे में 200 रनों की मैराथन पारी खेल दिखा दिया है कि उनमें रनों की भूख अभी शांत नहीं हुई है.


सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने टेस्ट व एकदिवसीय क्रिकेट, दोनों में सर्वाधिक शतक अर्जित किए हैं. वे टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ हैं. इसके साथ टेस्ट क्रिकेट में 14000 से अधिक रन बनाने वाले वे विश्व के एकमात्र खिलाड़ी हैं. एकदिवसीय मैचों में भी उन्हें सर्वाधिक रन बनाने का कीर्तिमान प्राप्त है. अपनी बल्लेबाजी की शैली की वजह से उनकी तुलना महान क्रिकेटर सर डॉन ब्रेडमैन से की जाती है. खुद ब्रैडमैन ने कहा था कि वह सचिन में अपना अक्श देखते हैं.


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Sachin TendulakarSachin Tendulkar’s Batting Style : सचिन की शैली


दायं हाथ के इस महान बल्लेबाज ने ना सिर्फ बल्लेबाजी बल्कि कई अहम मौकों पर अपनी कलाई का जादू दिखाकर मैच भी जिताया है. एक मैच विनर बल्लेबाज होने के साथ ही वह एक मैच विनर गेंदबाज भी हैं. हमेशा शांत रहने वाले सचिन को शायद ही आपने कभी कैमरे के सामने अधिक देखा हो. अपनी निजी जिंदगी को दूसरों से छुपाने वाले सचिन समाज सेवा का कोई मौका नहीं छोड़ते लेकिन जब वह चैरिटी करते हैं तो किसी को दिखाते नहीं है. सचिन अपने आलोचकों को कभी भी मुंह से जवाब नहीं देते. सचिन अपनी दोस्ती निभाने के लिए भी जाने जाते हैं.


Sachin Tendulkar’s Records : सचिन के रिकॉर्ड

  • 463 वनडे में 18,426 रन, 49 शतक और 96 अर्धशतक. वनडे में बल्लेबाजी औसत 44.83 सर्वाधिक 200 रन नाबाद.
  • 199 टेस्ट मैचों में 188,47 रन, 51 शतक और 71 अर्धशतक. टेस्ट में बल्लेबाजी औसत 53.71 सर्वाधिक 248रन नाबाद.
  • वनडे में 154 विकेट और टेस्ट में 46 विकेट.
  • सचिन राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित एकमात्र क्रिकेट खिलाड़ी हैं.
  • 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित.
  • देश से सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार ‘भारत रत्न’ के प्रबल दावेदार.
  • टेस्ट और वनडे में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी
  • सबसे ज्यादा मैच ऑफ द मैच का खिताब जीतने वाले खिलाड़ी.
  • वनडे में सबसे ज्यादा मैन ऑफ द सीरिज जीतने वाले खिलाड़ी.
  • वनडे के एक मैच में 200 रन बनाने वाले पहले खिलाड़ी.
  • विश्व कप में सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी. विश्व कप में सबसे ज्यादा मैच खेलने वाला खिलाड़ी.
  • वनडे और टेस्ट में अन्य खिलाड़ियों के साथ मिलकर सर्वाधिक शतकीय भागीदारी बनाई है.
  • सचिन के रिकॉर्डों की संख्या तो इतनी है कि अगर आप उसे एक-एक करके लिखें तो एक किताब लिखी जा सकती है.


सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) भारतीय क्रिकेट के एक महान खिलाड़ी होने के साथ एक आदर्श शख्सियत भी हैं. सौरभ गांगुली, राहुल द्रविड़, अनिल कुंबले और लक्ष्मण सरीखे खिलाड़ियों के साथ खेलते हुए सचिन ने युवाओं को हमेशा आगे आने का मौका दिया है. युवराज सिंह, सुरेश रैना, सहवाग जैसे कई खिलाड़ी उन्हें अपना आदर्श मानते हैं. सचिन में क्रिकेट के प्रति दीवानगी को देखकर लोग उन्हें जिन्दगीभर क्रिकेट के समानांतर मानेंगे.


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