भारत और वेस्टइंडीज (West Indies) के बीच एकदिवसीय सीरीज की शुरुआत को देखते हुए लग रहा था कि रैना की नौजवानों की सेना सीरीज में क्लीन स्वीप करके ही दम लेगी. पर लगता है शुरुआती तीन मैच जीतकर सीरीज में विजय हासिल करने के बाद कप्तान रैना कुछ ज्यादा ही बेफ्रिक हो गए और अंतिम दो मैच वेस्टइंडीज की झोली में डालने से गुरेज नहीं किया.
अंतिम मैच में डेरेन ब्रावो [86]( Darren Bravo) और रामनरेश सरवन [75 रिटा. हर्ट]( Ram Naresh Sarwan) की बेहतरीन पारियों के दम पर वेस्टइंडीज ने भारत को हरा दिया. कल तक जिस रैना को अपनी टीम की फील्डिंग पर गर्व महसूस हो रहा था उनको उसी टीम की खराब फिल्डिंग की वजह से मैच को गंवाना पड़ा. भारतीय क्षेत्ररक्षकों के कई कैच टपकाने से विंडीज बल्लेबाजों की राह आसान हो गई और उन्होंने 48.3 ओवर में तीन विकेट खोकर 255 रन बनाकर लक्ष्य हासिल कर लिया.
इस मैच में भारत(Indian Cricket Team) ने टास गंवाने के बाद बल्लेबाजी करते हुए बेहद खराब शुरुआत की. 21 रन पर दो विकेट गिरने के बाद भी विराट कोहली(Virat Kohli) की मजबूत बल्लेबाजी की वजह से भारत ने 47.3 ओवर में 251 रन बनाए. एक समय लग रहा था कि टीम इंडिया 300 रनों का लक्ष्य देगी लेकिन ऐसा हो ना सका. पावर प्ले के दौरान एक बार फिर भारतीय टीम के बल्लेबाज फ्लॉप साबित हुए.
हालांकि वेस्टइंडीज की भी शुरुआत कुछ खास अच्छी नहीं थी पर सरवन और ब्रावो के बीच बेहतरीन साझेदारी ने टीम को जिता ही दिया.
इस मैच के बाद अब भारत को टेस्ट सीरीज खेलनी है, ऐसे में टीम के मनोबल पर हार का असर जरूर देखने को मिलेगा पर हो सकता है युवाओं की इस टीम पर प्रेशर का असर कम ही हो. एकमात्र टी-20 और वनडे सीरीज पर कब्जा जमाने के बाद भारत को विंडीज से तीन मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है जिसमें से पहला टेस्ट 20 जून से खेला जाएगा.
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