राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति, केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार आजकल जितनी चिंतित हैं इतनी शायद ही वह कभी दिखी हों और इन सब का कारण है राष्ट्रमंडल खेल. भले ही राष्ट्रमंडल खेल सिर्फ 10 दिन चलेंगें परन्तु इन 10 दिनों के आयोजन की नींव तो दो वर्ष पूर्व ही रख दी गई थी, और अब तो सिर्फ लीपा-पोती ही बची है. राष्ट्रमंडल खेलों की जब नींव रखी गई तो वह अकेली नींव नहीं थी उसके साथ समाज को दूषित करने वाले भ्रष्टाचार, घपलों और पैसे कमाने की नींव भी रखी गई.
लोग पैसा कमाने का कोई भी मौका नहीं गवाना चाहते थे इसके लिए उन्होंने कानून को भी ताक पर रख दिया और शुरू हुआ मुददों का खेल राष्ट्रमंडल खेल. लेकिन पैसा कमाने का यह जूनून आजकल दिल्ली पुलिस की सरदर्दी का कारण बना हुआ है.
क्या है पुलिस की सरदर्दी का कारण?
गौरतलब है कि राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेने और इन खेलों का मज़ा लेने हजारों की संख्या में विदेशी दिल्ली आ रहे हैं और कई हज़ार आने वाले हैं. विदेशी आएंगे तो अपनी जरुरतें भी लाएंगे और उनकी जरुरतें हैं सेक्स और शराब. इसके मद्देनज़र आजकल कई एस्कार्ट एजेंसियां अपने पूरे शबाब पर हैं और यह एस्कार्ट एजेंसियां आजकल दिल्ली पुलिस की सरदर्दी का कारण बनी हुई हैं.
सीडब्ल्यूजी और एस्कार्ट एजेंसीयां
एस्कार्ट एजेंसियां यानी देह व्यापारियों के समूहों ने दिल्ली में राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान संभावित ग्राहकों को प्रलोभित करने के लिए नई भाषा खोजी है.
सूत्रों के अनुसार दिल्ली में सेक्स सेवाएं चला रही एस्कार्ट एजेंसियां ‘राष्ट्रमंडल खेल’ और राष्ट्रमंडल खेलों के आधिकारिक शुभंकर ‘शेरा’ का उपयोग अपने ऑनलाइन सेक्स रैकेट को बढ़ावा देने के लिए कर रही हैं. जिसके लिए इन सेक्स एजेंसियों ने एक नयी व्याख्यायित शब्दावली तैयार की है जिसे बनाने के लिए 15 दिन लगे और इसे 3 से 4 लोगों की टीम ने बनाया है.
व्याख्यायित शब्दावली के कुछ शब्द हैं –
• एक्स्ट्राबाल – (कई बार सेक्स)
• सीआईडी – (कम इन डीप)
• डीटी – (डाइनिंग एट थ टोज़)
• जीएफ़ई – (गर्ल फ्रेंड एक्सपेरिएंस)
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस नहीं चाहती है कि दिल्ली राष्ट्रमंडल खेल देहव्यापार का केंद्र बने अतः दिल्ली पुलिस इस देहव्यापार पर रोक लगाने के लिए अथक प्रयास कर रही है. इसके लिए उसने कई ऐसी जगहों पर छापा भी मारा जहाँ देह व्यापार होता है. और शायद दिल्ली पुलिस से बचने के लिए ही इन शब्दावली का आविष्कार किया गया हो.
ऐसे ही एक एस्कार्ट एजेंसी के लिए काम करती एक लड़की का कहना है कि “हम इस संभावना से इंकार नहीं कर सकते कि दिल्ली पुलिस ने हमारे फोनों को इलेक्ट्रॉनिक निगरानी पर रखा हो क्योंकि हमारे फोन नंबर खबरों में और वेबसाइट पर हैं अतः हमने इन शब्दावलिओं को बनाया.”
दिल्ली में राष्ट्रमंडल खेलों के मद्देनज़र हजारों की संख्या में लड़कियों को वेश्यवृति के लिए बुलाया जा रहा है. दिल्ली पुलिस का दावा है कि उसने 6 ऐसी वेबसाइटोंट का भंडाफोड़ किया है जो एस्कार्ट प्रदान करती थीं. परन्तु पुलिस का यह भी कहना है कि “ऐसी वेबसाइटों की निगरानी करना बहुत मुश्किल कार्य है क्योंकि अगर आज हम एक वेबसाइट पर प्रतिबंध लगाते हैं तो कल ऐसी दो नयी वेबसाइट आ जाती हैं.”
दिल्ली में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों से वैसे ही बहुत सारे घपले और मुद्दे जुड़े हैं. अभी तो यह भी पता नहीं है कि इन खेलों का आयोजन सफलतापूर्वक होगा कि नहीं और अब वेश्यावृति की यह समस्या. ऐसे में कोई भी चूक इन खेलों के दामन पर काला दाग लगा देगी. और भारतीय होने के नाते हम नहीं चाहते हैं कि राष्ट्रमंडल खेलों को ‘सेक्स खेलों’ की संज्ञा मिले.
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