भले ही राष्ट्रमंडल खेलों से जुड़े बहुत सारे घोटालों और भ्रष्टाचारों का खुलासा दिन-प्रतिदिन हो रहा है परन्तु अब सरकार और राष्ट्रमंडल खेलों की कार्यकारणी समिति कोई भी ढिलाई बरतना नहीं चाहती. राष्ट्रमंडल खेलों से जुड़े सबसे अहम मुद्दे सुरक्षा खतरे से निपटने के उद्देश्य से तैयारियों को मुकम्मल करने के लिए सुरक्षा एजेंसियां एक सितंबर से राष्ट्रमंडल खेल आयोजन स्थलों और खेल गांव को अपनी निगरानी में ले लेंगी.
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक राष्ट्रमंडल खेल आयोजन स्थलों और खेल गांव पर जगह-जगह पर मेटल डिटेक्टर, सीसीटीवी कैमरा, बूम बैरियर, कंट्रोल रूम जैसी कड़ी सुरक्षा सुविधाएं मुहैया करायी जाएंगी. इसके अलावा सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में आयोजन स्थलों के आने के बाद खोजी कुत्तों, बम निष्क्रिय दस्ते सहित सुरक्षा से जुडे़ विभिन्न अभ्यास भी शुरू हो जाएंगे क्योंकि 15 सितंबर से खिलाड़ियों का आना शुरू हो जाएगा. सरकार के अनुसार राष्ट्रमंडल खेलों में किसी भी प्रकार के आतंकवादी और नक्सली हमलों से बचना, लोगों और खिलाड़ियों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण होगा.
फेनेल ने लिया जायजा
राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) के अध्यक्ष माइक फेनेल ने बुधवार को राजधानी में स्थित त्यागराज स्टेडियम, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम, इंदिरा गांधी स्टेडियम और खेल गांव का जायजा लिया उनके साथ सीजीएफ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी माइक हूपर भी थे.
फेनेल का दो दिवसीय दौरा इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि भ्रष्टाचार के चलते उन्होंने अहम मुद्दों पर चिंता जाहिर की थी. इसके अलावा अन्य पहलुओं का जायजा लेने के लिए फेनेल कई सरकारी अधिकारियों, दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एस. जयपाल रेड्डी और आयोजन समिति की कार्यकारिणी के अधिकारियों से भी मिलेंगे.
To provide World Class security to all the athletes and visitors for the Common Wealth Games is seen as an important aspect. The Stadiums and Common Wealth Villages will be handled to Security Agencies from 1st of September to make the necessary Security arrangements.
Read Comments