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मास्टर के डबल ब्लास्ट में उड़ा दक्षिण अफ्रीका

sachin

मास्टर बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर [नाबाद 200] ने कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम में इतिहास रचते हुए वनडे क्रिकेट में पहली बार दोहरा शतक लगाने का कारनामा कर दिखाया। उनकी इस ऐतिहासिक पारी की बदौलत भारत ने एकतरफा दूसरे वनडे मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को 153 रन से हरा दिया। मेजबान टीम ने इस जीत से सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त बनाने के साथ ही वनडे रैंकिंग में दूसरा पायदान सुरक्षित रखा।
तेंदुलकर ने अपने स्ट्रोकों का शानदार नमूना पेश करते हुए करोड़ों दिलों को रोमांचित करने वाली नाबाद 200 रन की पारी खेली। इसके लिए उन्होंने 147 गेंद का सामना किया तथा 25 चौके और तीन छक्के लगाए। यह तेंदुलकर का न सिर्फ 46वां वनडे शतक है बल्कि वनडे क्रिकेट में सर्वोच्च व्यक्तिगत पारी भी है। उन्होंने पाकिस्तान के सईद अनवर और जिंबाब्वे के चा‌र्ल्स कावेंट्री [दोनों 194] के रिकार्ड को तोड़ा। भारत के विशाल स्कोर में सचिन के अलावा दिनेश कार्तिक [79], कप्तान धौनी [नाबाद 68] और यूसुफ पठान [36] ने भी उपयोगी योगदान दिया। तेंदुलकर का इससे पहले सर्वश्रेष्ठ स्कोर नाबाद 186 रन था जो उन्होंने 1999 में न्यूजीलैंड के खिलाफ हैदराबाद में बनाया था। भारत ने पहले खेलते हुए निर्धारित 50 ओवरों में तीन विकेट पर 401 रनों की विशाल स्कोर खड़ा किया। दक्षिण अफ्रीका की पूरी पारी 42.5 ओवर में 248 रन पर सिमट गई। वनडे क्रिकेट में भारत ने तीसरी बार चार सौ रनों का आंकड़ा छुआ है जो अपने आप में एक रिकार्ड भी है। भारत ने दक्षिण अफ्रीका पर रनों के लिहाज से सबसे बड़ी जीत के पिछले रिकार्ड की बराबरी की। इससे पहले उसने 2003 में ढाका में भी अपने इस प्रतिद्वंद्वी को क्भ्फ् रन से हराया था।
जवाब में दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत बहुत ही खराब रही। हाशिल अमला [34] और हर्शल गिब्स [7] ने आते ही अपने तेवर दिखाने शुरू किए लेकिन तीसरे ओवर में ही प्रवीण कुमार ने इस जोड़ी को क्या तोड़ा कि विकेटों के गिरने का सिलसिला शुरू हो गया। मात्र 134 रन के स्कोर पर मेहमान टीम के छह बल्लेबाज पवेलियन लौट चुके थे। भारतीय आक्रमण का सामना सिर्फ एबी डिविलियर्स [नाबाद 114] ही कर सके और एक छोर संभालते हुए शानदार शतक जमाकर अपनी टीम को छोटी से खुशी देने में सफल रहे। वान डर मार्वी [12], कप्तान जैक्स कालिस [11], एल्विरो पीटरसन [9], जेपी डुमनी [0], मार्क बाउचर [14], वायने पार्नेल [18] और डेल स्टेन [0] बल्लेबाजी के मुफीद पिच कुछ खास किए बगैर ही वापस लौट गए। भारत की ओर से एस श्रीसंथ सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने तीन विकेट चटकाए। जबकि आशीष नेहरा, रविंदर जडेजा और यूसुफ पठान को दो-दो विकेट मिले।
इससे पूर्व सहवाग [9] के सस्ते में आउट हो जाने के बाद तेंदुलकर ने मोर्चा संभाला और शुरू से ही दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों पर हावी हो गए और उन्होंने छोटी बाउंड्री का पूरा फायदा उठाकर दनादन रन बटोरे। इस मास्टर ब्लास्टर के साथ चार्ल लांगवेल्ट भी इतिहास की किताब में नाम दर्ज करा गए क्योंकि इसी तेज गेंदबाज पर एक रन लेकर उन्होंने 200 रन के जादुई अंक को छुआ। तेंदुलकर ने अपनी यादगार पारी के दौरान कार्तिक के साथ दूसरे विकेट के लिए 194 रन की साझेदारी की जिन्होंने अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी खेली। उन्होंने अपनी पारी में 85 गेंद खेली तथा चार चौके और तीन छक्के लगाए। इन दोनों की साझेदारी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत की तरफ से नया रिकार्ड है। इससे पहले तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ ने 2000 में नागपुर में 181 रन की साझेदारी की थी।
सचिन ने पठान और धौनी के साथ भी बड़ी साझेदारियां करके दक्षिण अफ्रीकी आक्रमण की धज्जियां उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने पठान के साथ तीसरे विकेट के लिए 81 और धौनी के साथ साथ नाबाद 101 रन जोड़े। धौनी ने सिर्फ 37 गेंदों पर सात चौके और चार छक्कों की मदद से 68 रन बनाए। इससे पहले सहवाग टीम को अच्छी शुरुआत नहीं दिला पाए। दूसरी गेंद पर ही स्टेन उनका नीचे रहता हुआ कैच हासिल नहीं कर पाए। सहवाग हालांकि इसका फायदा नहीं उठा पाए और पार्नेल की गेंद पर उन्होंने स्टेन को आसान कैच थमाया।

 


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